भारत के आउटरीच प्रोग्राम के तहत अमेरिका गए हुए डेलिगेशन ने अपने दौरे के अंतिम चरण को पूरा किया. यह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में था. इस डेलिगेशन ने ऑपरेशन सिन्दूर पर उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और राज्य के उप सचिव क्रिस्टोफर लैंडौ से मुलाकात के बाद अमेरिका में अपने दौरे को पूरा किया. दौरे के पूरे होने पर थरूर ने कहा, जो सच था पूरी दुनिया ने जान लिया.
यह प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय यात्रा के लिए 3 जून को अमेरिका पहुंचा था. इसने कैपिटल हिल और वाशिंगटन में बैठकें कीं और अमेरिकी अधिकारियों और नेताओं को भारत के ऑपरेशन सिन्दूर और सीमा पार आतंकवाद पर देश के रुख के बारे में जानकारी दी. साथ ही इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर पाकिस्तान के आतंकवाद को बेपर्दा किया.
“जो सच था सारी दुनिया ने जान लिया”
इस यात्रा के पूरा होने के मौके पर शशि थरूर ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, सौ बार जन्म लेंगे तो सौ बार करेंगे, जी भर के अपने वतन से प्यार करेंगे, जो हम से बन पड़ा, “ए वतन” हमने किया है, जो सच था, सारी दुनिया ने अब जान लिया है.
उन्होंने आगे कहा, सभी सदस्यों की तरफ से मातृभूमि का और देश विदेश में हिंदुस्तान प्रेमियों का बहुत-बहुत आभार जिन्होंने कान खोल कर सुना और दिल खोल कर स्वीकार किया के हम अहिंसा प्रेमी हैं मगर तब तक, जब तक कोई … जय हिंद!
शशि थरूर के नेतृत्व वाले ग्रुप ने उपराष्ट्रपति वेंस, लैंडौ, हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी (एचएफएसी) नेतृत्व, इंडिया कॉकस नेतृत्व और सीनेट विदेश संबंध समिति के नेताओं से मुलाकात की.
कैसा रहा रिस्पॉन्स?
वेंस के साथ गुरुवार को व्हाइट हाउस में लगभग 25 मिनट तक हुई बैठक को शशि थरूर ने एक बेहतरीन बैठक बताया. थरूर ने बैठक के बाद बताया की वेंस के साथ मीटिंग कैसी रही, उन्होंने कहा, वेंस ने पहलगाम में जो कुछ हुआ, उस पर नाराजगी और ऑपरेशन सिन्दूर में भारत की संयमित प्रतिक्रिया के लिए समर्थन और सम्मान जताया.
शुक्रवार को लैंडौ के साथ प्रतिनिधिमंडल की बैठक के बाद, विदेश विभाग के प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने एक बयान में कहा कि राज्य के उप सचिव ने “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी में भारत के लिए अमेरिका के मजबूत समर्थन की पुष्टि की”.
भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा कि लैंडौ के साथ बैठक के दौरान, थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख के बारे में बताया, जिसमें 22 अप्रैल के क्रूर पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिन्दूर शुरू किया गया था.
ग्रुप में कौन-कौन था शामिल?
अमेरिका से पहले थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने पनामा, गुयाना, कोलंबिया और ब्राजील का दौरा किया था. इस ग्रुप में सरफराज अहमद (जेएमएम), तेजस्वी सूर्या (बीजेपी), गैंट्स हरीश मधुर बालयोगी (टीडीपी), शशांक मणि त्रिपाठी (बीजेपी), भुवनेश्वर कलिता (बीजेपी), मिलिंद देवड़ा (शिवसेना) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत संधू शामिल हैं.
भारत सरकार ने 32 देशों और ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ मुख्यालय की यात्रा के लिए पार्टी लाइनों से ऊपर उठकर 7 प्रतिनिधिमंडल भेजे थे. इस डेलिगेशन ने इंटरनेशनल लेवल पर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बात की. साथ ही पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान के आतंकवाद को बेनकाब करने का काम किया.